भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ढहैत भावनाक देबाल / गजेन्द्र ठाकुर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=गजेन्द्र ठाकुर
 
|रचनाकार=गजेन्द्र ठाकुर
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
}}
+
}}{{KKCatMaithiliRachna}}
 
{{KKCatKavita‎}}
 
{{KKCatKavita‎}}
 
<poem>
 
<poem>

13:53, 29 जून 2013 के समय का अवतरण

ढहैत भावनाक देबाल
खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़

आकांक्षाक बखारी अछि भरल
प्रतीक बनि ठाढ़
घरमे राखल हिमाल-लकड़ीक मन्द्इर आकि
ओसारापर राखल तुलसीक गाछ
प्रतीक सहृदयताक मात्र ।

मोन पाड़ैत अछि इनार-पोखरिक महार,
स्विमिंगपूलक नील देबाल,
बनबैत पानिकेँ नील रंगक ।
मोनक रंगक अदृश्य देबाल
ढहैत
खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़
बहैत।