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"इसी जनम में / संजय कुंदन" के अवतरणों में अंतर
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13:50, 13 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
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वह जो मन की चहचहाहट पर गुनगुनाता था
मन की लहरों में डूबता-उतराता था
पकता रहता था मन की आँच में
वह जो चला गया एक दिन
मन के घोड़े की रास थामे
साँवले बादलों में न जाने कहाँ
वह मैं ही था
विश्वास नहीं होता
यह इसी जनम की बात है।