"कहो नहीं करके दिखलाओ / श्रीकृष्ण सरल" के अवतरणों में अंतर
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कहो नहीं करके दिखलाओ | कहो नहीं करके दिखलाओ | ||
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उपदेशों से काम न होगा | उपदेशों से काम न होगा | ||
+ | जो उपदिष्ट वही अपनाओ | ||
+ | कहो नहीं, करके दिखलाओ। | ||
− | + | अंधकार है! अंधकार है! | |
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क्या होगा कहते रहने से, | क्या होगा कहते रहने से, | ||
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दूर न होगा अंधकार वह | दूर न होगा अंधकार वह | ||
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निष्क्रिय रहने से सहने से | निष्क्रिय रहने से सहने से | ||
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अंधकार यदि दूर भगाना | अंधकार यदि दूर भगाना | ||
− | + | कहो नहीं तुम दीप जलाओ | |
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यह लोकोक्ति सुनी ही होगी | यह लोकोक्ति सुनी ही होगी | ||
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स्वर्ग देखने, मरना होगा | स्वर्ग देखने, मरना होगा | ||
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बात तभी मानी जाएगी | बात तभी मानी जाएगी | ||
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स्वयं आचरण करना होगा | स्वयं आचरण करना होगा | ||
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पहले सीखो सबक स्वयं | पहले सीखो सबक स्वयं | ||
− | + | फिर और किसी को सबक सिखाओ। | |
− | + | कहो नहीं, करके दिखलाओ। | |
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कर्म, कर्म के लिए प्रेरणा | कर्म, कर्म के लिए प्रेरणा | ||
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होते हैं उपदेश निरर्थक | होते हैं उपदेश निरर्थक | ||
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साधु वृत्ति से मन को माँजो | साधु वृत्ति से मन को माँजो | ||
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साधु वेश परिवेश निरर्थक। | साधु वेश परिवेश निरर्थक। | ||
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दुनिया भली बनेगी पीछे | दुनिया भली बनेगी पीछे | ||
− | + | पहले खुद को भला बनाओ। | |
− | + | कहो नहीं, करके दिखलाओ।। | |
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कथनी है वाचाल कहाती | कथनी है वाचाल कहाती | ||
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करनी रहती सदा मौन है, | करनी रहती सदा मौन है, | ||
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मौन स्वयं अभिव्यक्ति सबल है | मौन स्वयं अभिव्यक्ति सबल है | ||
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इसे जानता नहीं कौन है। | इसे जानता नहीं कौन है। | ||
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नहीं सहारा लो कथनी का, | नहीं सहारा लो कथनी का, | ||
− | + | करनी से ही सब समझाओ। | |
− | + | कहो नहीं, करके दिखलाओ।। | |
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09:29, 2 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
कहो नहीं करके दिखलाओ
उपदेशों से काम न होगा
जो उपदिष्ट वही अपनाओ
कहो नहीं, करके दिखलाओ।
अंधकार है! अंधकार है!
क्या होगा कहते रहने से,
दूर न होगा अंधकार वह
निष्क्रिय रहने से सहने से
अंधकार यदि दूर भगाना
कहो नहीं तुम दीप जलाओ
कहो नहीं, करके दिखलाओ।
यह लोकोक्ति सुनी ही होगी
स्वर्ग देखने, मरना होगा
बात तभी मानी जाएगी
स्वयं आचरण करना होगा
पहले सीखो सबक स्वयं
फिर और किसी को सबक सिखाओ।
कहो नहीं, करके दिखलाओ।
कर्म, कर्म के लिए प्रेरणा
होते हैं उपदेश निरर्थक
साधु वृत्ति से मन को माँजो
साधु वेश परिवेश निरर्थक।
दुनिया भली बनेगी पीछे
पहले खुद को भला बनाओ।
कहो नहीं, करके दिखलाओ।।
कथनी है वाचाल कहाती
करनी रहती सदा मौन है,
मौन स्वयं अभिव्यक्ति सबल है
इसे जानता नहीं कौन है।
नहीं सहारा लो कथनी का,
करनी से ही सब समझाओ।
कहो नहीं, करके दिखलाओ।।