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"विदा देती एक दुबली बाँह / धर्मवीर भारती" के अवतरणों में अंतर
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− | ख़त्म होने को ना आएगी कभी क्या | + | ख़त्म होने को ना आएगी कभी क्या |
− | एक उजड़ी माँग सी यह धूल धूसर राह? | + | एक उजड़ी माँग सी यह धूल धूसर राह? |
− | एक दिन क्या मुझी को पी जाएगी | + | एक दिन क्या मुझी को पी जाएगी |
− | यह सफर की प्यास, अबुझ, अथाह? | + | यह सफर की प्यास, अबुझ, अथाह? |
− | क्या यही सब साथ मेरे जायेंगे | + | क्या यही सब साथ मेरे जायेंगे |
− | ऊँघते कस्बे, पुराने पुल? | + | ऊँघते कस्बे, पुराने पुल? |
− | पाँव में लिपटी हुई यह धनुष-सी दुहरी नदी | + | पाँव में लिपटी हुई यह धनुष-सी दुहरी नदी |
− | बींध देगी क्या मुझे बिलकुल? | + | बींध देगी क्या मुझे बिलकुल? |
10:19, 4 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
विदा देती एक दुबली बाँह सी यह मेड़
अंधेरे में छूटते चुपचाप बूढ़े पेड़
ख़त्म होने को ना आएगी कभी क्या
एक उजड़ी माँग सी यह धूल धूसर राह?
एक दिन क्या मुझी को पी जाएगी
यह सफर की प्यास, अबुझ, अथाह?
क्या यही सब साथ मेरे जायेंगे
ऊँघते कस्बे, पुराने पुल?
पाँव में लिपटी हुई यह धनुष-सी दुहरी नदी
बींध देगी क्या मुझे बिलकुल?