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"इस तरह हर ग़म भुलाया कीजिये / हसरत जयपुरी" के अवतरणों में अंतर

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इस तरह हर ग़म भुलाया कीजिये 
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रोज़ मैख़ाने में आया कीजिये
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छोड़ भी दीजिये तकल्लुफ़ शेख़ जी  
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जब भी आयें पी के जाया कीजिये
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जब भी आएँ पी के जाया कीजिए
  
 
ज़िंदगी भर फिर न उतेरेगा नशा  
 
ज़िंदगी भर फिर न उतेरेगा नशा  
इन शराबों में नहाया कीजिये
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इन शराबों में नहाया कीजिए
  
 
ऐ हसीनों ये गुज़ारिश है मेरी
 
ऐ हसीनों ये गुज़ारिश है मेरी
अपने हाथों से पिलाया कीजिये
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अपने हाथों से पिलाया कीजिए
 
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13:42, 17 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

इस तरह हर ग़म भुलाया कीजिए
रोज़ मैख़ाने में आया कीजिए

छोड़ भी दीजिए तकल्लुफ़ शेख़ जी
जब भी आएँ पी के जाया कीजिए

ज़िंदगी भर फिर न उतेरेगा नशा
इन शराबों में नहाया कीजिए

ऐ हसीनों ये गुज़ारिश है मेरी
अपने हाथों से पिलाया कीजिए