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"अमवा के लागेला टकोरवा रे संगिया / भोजपुरी" के अवतरणों में अंतर

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पिया के खेलवना रे होइ
 
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गोरी के उरोज भी उभर आए हैं
 
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अरे ये तो प्रियतम के लिए खिलौने बनेंगे !'
 
अरे ये तो प्रियतम के लिए खिलौने बनेंगे !'
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20:57, 21 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अमवा के लागेला टकोरवा रे संगिया
गूलर फरे ले हड़फोर
गोरिया के उठेलाहा छाती के जोबनवाँ
पिया के खेलवना रे होइ

भावार्थ

'आमों के टिकोरे लग गए, ओ संगी ! गूलर भी हड्डियों को फोड़कर फलों से लद गए हैं गोरी के उरोज भी उभर आए हैं अरे ये तो प्रियतम के लिए खिलौने बनेंगे !'