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"दक्षिन के चीर-पहिर ले ले गोरिय / भोजपुरी" के अवतरणों में अंतर

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सखि आरी हे, हाँ, रे जोतलीं में गोला बरधा, बोअलीं मकाई।
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दक्षिन के चीर-पहिर ले ले गोरिय, लामी केस पँकर झाँपा रेसा।
पहिले खान्छ चेहरा सूगा तब करेले नेवाना रे।
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लेहल बाँस के डलरिवा, गोरी बिहँसत आवे रे।।१।।
कि हो बिरहा बुबसु मोर, सँवरी बठिनियाँ उमड़ि रस देले रे।।१।।
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डगर बुलिय-बुलि हाँक मारे गोरिया, कहाँ जे बारे मानुष जोड़ि जँतवा।।
सखि आरी हे, कि आगे तिरो झूमके थैली, पीछे तीरो बासा रे।
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केहि घर बारे मानुष जोड़ी जँतवा, तनिक हम पीसब रे।।२।।
ताहि को दाया, ताही को माया, ताही को नाहीं आसा रे।
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ऊँचीत कुरिबवा के नीची त दुअरिया,  
हो बिरहा बसु मोर, सँवरी बठिनियाँ उमड़ि रस देइछो रे।।२।।
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ताहि घरे बारे मनुखजोड़ी जँतवा, तनिक पीसहु रे।।३।।
सखि आरी हे, उमें देखो काली लेखा, उमे त मन छइना रे।
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तर कइले जुअवा से ऊपरी मकरिया,
कि पंछी होके उड़नो जान्द, बसंने को मन छइना रे।
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उलटि के जँतवा हलावे जँतसरिया, तनिक भला पिसहु रे।।४।।
हो हो रे बिरहा बसु मोर कि कसड़ी बठिनियाँ उमड़ि रस देइछो रे।।३।।
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10:00, 20 दिसम्बर 2013 के समय का अवतरण

दक्षिन के चीर-पहिर ले ले गोरिय, लामी केस पँकर झाँपा रेसा।
लेहल बाँस के डलरिवा, गोरी बिहँसत आवे रे।।१।।
डगर बुलिय-बुलि हाँक मारे गोरिया, कहाँ जे बारे मानुष जोड़ि जँतवा।।
केहि घर बारे मानुष जोड़ी जँतवा, तनिक हम पीसब रे।।२।।
ऊँचीत कुरिबवा के नीची त दुअरिया,
ताहि घरे बारे मनुखजोड़ी जँतवा, तनिक पीसहु रे।।३।।
तर कइले जुअवा से ऊपरी मकरिया,
उलटि के जँतवा हलावे जँतसरिया, तनिक भला पिसहु रे।।४।।