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"माला / प्रेमशंकर रघुवंशी" के अवतरणों में अंतर
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उसने उसे
माला पहनाई
और गौर से देखा
फूल की पँखुरियाँ
जल्दी-जल्दी
सूख रही थीं साथ-साथ !!