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"आज नदी बिलकुल उदास थी / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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आज नदी बिलकुल उदास थी। | आज नदी बिलकुल उदास थी। |
10:56, 1 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
आज नदी बिलकुल उदास थी।
सोई थी अपने पानी में,
उसके दर्पण पर-
बादल का वस्त्र पडा था।
मैंने उसको नहीं जगाया,
दबे पांव घर वापस आया।