भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"होलर का बाबा / खड़ी बोली" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(New page: होलर का बाबा यूँ कहै-<br> तुम खरचो दाम बतेरे<br> होलर की दादी ये कहै-<br> होलर कै ...) |
|||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{KKGlobal}} | ||
+ | {{KKLokRachna | ||
+ | |रचनाकार=अज्ञात | ||
+ | }} | ||
+ | {{KKLokGeetBhaashaSoochi | ||
+ | |भाषा=खड़ी बोली | ||
+ | }} | ||
+ | |||
होलर का बाबा यूँ कहै-<br> | होलर का बाबा यूँ कहै-<br> | ||
तुम खरचो दाम बतेरे<br> | तुम खरचो दाम बतेरे<br> | ||
पंक्ति 8: | पंक्ति 16: | ||
सिर ते सरफुल्ला आया<br> | सिर ते सरफुल्ला आया<br> | ||
− | + | :पैरों से नंगा आया<br> | |
हाथों की मुट्ठी भींच कै<br> | हाथों की मुट्ठी भींच कै<br> | ||
सिर पै झण्डूले लाया ।<br> | सिर पै झण्डूले लाया ।<br> | ||
+ | |||
+ | होलर का ताऊ यूँ कहै-<br> | ||
तुम खरचो दाम बतेरे<br> | तुम खरचो दाम बतेरे<br> | ||
पंक्ति 21: | पंक्ति 31: | ||
सिर ते सरफुल्ला आया<br> | सिर ते सरफुल्ला आया<br> | ||
− | + | :पैरों से नंगा आया<br> | |
हाथों की मुट्ठी भींच कै<br> | हाथों की मुट्ठी भींच कै<br> | ||
− | |||
सिर पै झण्डूले लाया ।<br> | सिर पै झण्डूले लाया ।<br> | ||
>>>>>>>>>>>>>>>> | >>>>>>>>>>>>>>>> | ||
− | 1-होलर =नवजात शिशु | + | 1-होलर =नवजात शिशु<br> |
− | 2-सरफुल्ला =नंगे सिर | + | 2-सरफुल्ला =नंगे सिर<br> |
− | 3-झण्डूले = बच्चे के सिर के नवजात बाल | + | 3-झण्डूले = बच्चे के सिर के नवजात बाल<br> |
18:37, 13 जुलाई 2008 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
होलर का बाबा यूँ कहै-
तुम खरचो दाम बतेरे
होलर की दादी ये कहै-
होलर कै हुण्डी लाया
सिर ते सरफुल्ला आया
- पैरों से नंगा आया
हाथों की मुट्ठी भींच कै
सिर पै झण्डूले लाया ।
होलर का ताऊ यूँ कहै-
तुम खरचो दाम बतेरे
होलर की ताई यूँ कहै-
होलर कै हुण्डी लाया
सिर ते सरफुल्ला आया
- पैरों से नंगा आया
हाथों की मुट्ठी भींच कै
सिर पै झण्डूले लाया ।
>>>>>>>>>>>>>>>>
1-होलर =नवजात शिशु
2-सरफुल्ला =नंगे सिर
3-झण्डूले = बच्चे के सिर के नवजात बाल