भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अज़ा में बहते थे आँसू यहाँ / कैफ़ी आज़मी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=कैफ़ी आज़मी | |रचनाकार=कैफ़ी आज़मी | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatGhazal}} | |
− | अज़ा में बहते थे आँसू यहाँ, लहू तो नहीं | + | <poem> |
− | ये कोई और जगह है ये लखनऊ तो नहीं | + | अज़ा में बहते थे आँसू यहाँ, लहू तो नहीं |
+ | ये कोई और जगह है ये लखनऊ तो नहीं | ||
− | यहाँ तो चलती हैं छुरिया ज़ुबाँ से पहले | + | यहाँ तो चलती हैं छुरिया ज़ुबाँ से पहले |
− | ये मीर अनीस की, आतिश की गुफ़्तगू तो नहीं | + | ये मीर अनीस की, आतिश की गुफ़्तगू तो नहीं |
− | चमक रहा है जो दामन पे दोनों फ़िरक़ों के | + | चमक रहा है जो दामन पे दोनों फ़िरक़ों के |
− | बग़ौर देखो ये इस्लाम का लहू तो नहीं< | + | बग़ौर देखो ये इस्लाम का लहू तो नहीं |
+ | </poem> |
10:35, 10 मई 2014 के समय का अवतरण
अज़ा में बहते थे आँसू यहाँ, लहू तो नहीं
ये कोई और जगह है ये लखनऊ तो नहीं
यहाँ तो चलती हैं छुरिया ज़ुबाँ से पहले
ये मीर अनीस की, आतिश की गुफ़्तगू तो नहीं
चमक रहा है जो दामन पे दोनों फ़िरक़ों के
बग़ौर देखो ये इस्लाम का लहू तो नहीं