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"समय के निशान / रश्मि रेखा" के अवतरणों में अंतर
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− | एक अर्से बाद | + | एक अर्से बाद जब |
− | तुम्हारे अक्षरों से मुलाक़ात हुई | + | तुम्हारे अक्षरों से मुलाक़ात हुई |
− | वे वैसे नहीं लगे | + | वे वैसे नहीं लगे |
− | जैसे वे मेरे पास हैं | + | जैसे वे मेरे पास हैं |
− | भविष्य के सपने देखते | + | भविष्य के सपने देखते |
− | मेरे अक्षर भी तो | + | मेरे अक्षर भी तो |
− | रोशनी के | + | रोशनी के अँधेरे से जूझ रहे हैं |
− | अब तो | + | अब तो ख़ुद से मिलना भी |
− | अपने को बहुत दुखी करना है | + | अपने को बहुत दुखी करना है |
− | यह सब जानते हुए भी | + | यह सब जानते हुए भी |
− | एक ख़त अपने दोस्त को लिखा | + | एक ख़त अपने दोस्त को लिखा |
− | उसे बहुत उदास कर दिया | + | और उसे बहुत उदास कर दिया |
− | + | पत्र पाने की खुशी के बावजूद | |
− | समय चाहे जितनी | + | सचमुच समय चाहे |
− | नाप ले डगर | + | जितनी तेजी से नाप ले डगर |
− | अमिट ही रह जाते हैं | + | अमिट ही रह जाते हैं |
− | उसके क़दमों के निशान | + | उसके क़दमों के निशान |
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22:24, 30 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण
एक अर्से बाद जब
तुम्हारे अक्षरों से मुलाक़ात हुई
वे वैसे नहीं लगे
जैसे वे मेरे पास हैं
भविष्य के सपने देखते
मेरे अक्षर भी तो
रोशनी के अँधेरे से जूझ रहे हैं
अब तो ख़ुद से मिलना भी
अपने को बहुत दुखी करना है
यह सब जानते हुए भी
एक ख़त अपने दोस्त को लिखा
और उसे बहुत उदास कर दिया
पत्र पाने की खुशी के बावजूद
सचमुच समय चाहे
जितनी तेजी से नाप ले डगर
अमिट ही रह जाते हैं
उसके क़दमों के निशान