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तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’

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|रचनाकार=तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’|अनुवादक=|संग्रह='दिनेश'
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{{KKCatDoha}}KKParichay<poem>|चित्र=कुंचित चिक्कण चिकुर वर, मेचक मृदुल महान।|नाम=तुलसीराम शर्मा 'दिनेश'मोहन-श्रुति में पढ़ रहे, मोहन-मन्त्र-विधान।।11।।|उपनाम=दिनेश|जन्म=श्याम-सुदामा-मिलन का, दृश्य परम अभिराम।|जन्मस्थान=मानो तप से मिल रहा, गले लगा परिणाम।।12।।|मृत्यु=|कृतियाँ=ताता-ताता बोलने, लगा बाल घनश्याम।|विविध=पहले कहना सीखता, अपना भाता नाम।।13।।|जीवनी=[[तुलसीराम शर्मा 'दिनेश' / परिचय]]|अंग्रेज़ीनाम=Tulasiram Sharma Dineshश्याम दृगों में तीन रँग, श्वेत श्याम अनुराग।|shorturl=इस त्रिगुणी शुचि जाल में, फँसते जन बड़ भाग।।14।।|gadyakosh=|copyright=मोहन आँखे आप की, नौका के आकार।}}जो जन इनमें बस गया, वही बस गया पार।।15।।{{KKCatDohakaar}}* [[दोहा / भाग 1 / तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’]]नयन-तुरंगों की कढ़ी, जिनकी लाज-लगाम।* [[दोहा / भाग 2 / तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’]]धर्म-यान की धाज्जियाँ, देखी ठाम-कुठाम।।16।।* [[दोहा / भाग 3 / तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’]]* [[दोहा / भाग 4 / तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’]]कानों से यों कह रहे, तेरे नयन विशाल।* [[दोहा / भाग 5 / तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’]]तुमसे सुन हम देखते, दुखिया को तत्काल।।17।।* [[दोहा / भाग 6 / तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’]]* [[दोहा / भाग 7 / तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’]]श्रुतियों तक तेरे न क्यों, पहुँचे लोचन नाथ।* [[दोहा / भाग 8 / तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’]]श्रुतियाँ तुझको गा रहीं, फैला-फैला हाथ।।18।। तू चाहे मिल या न मिल, इसकी मुझे न चाह।* [[दोहा / भाग 9 / तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’]]तेरी चाह मिटे नहीं, थमें न पल भर आह।।19।। तेरी चाह पुनीत है, तेरी राह पुनीत।फिर क्यों यह होगी नहीं, मेरी राह पुनीत।।20।।<* [[दोहा / भाग 10 /poem>तुलसीराम शर्मा ‘दिनेश’]]
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