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"ऐ दिल वो आशिक़ी के / 'अख्तर' शीरानी" के अवतरणों में अंतर
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वो हिज्र में विसाल की उम्मीद क्या हुई | वो हिज्र में विसाल की उम्मीद क्या हुई | ||
वो रंज में ख़ुशी के बहाने किधर गए | वो रंज में ख़ुशी के बहाने किधर गए | ||
− | दिन रात | + | दिन रात मैकदे में गुज़रती थी ज़िन्दगी |
− | 'अख़्तर' वो | + | 'अख़्तर' वो बेख़ुदी के ज़माने किधर गए |
04:12, 12 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण
ऐ दिल वो आशिक़ी के फ़साने किधर गए
वो उम्र क्या हुई वो ज़माने किधर गए
वीराँ हैं सहन-ओ-बाग़ बहारों को क्या हुआ
वो बुलबुलें कहाँ वो तराने किधर गए
है नज्द में सुकूत हवाओं को क्या हुआ
लैलाएँ हैं ख़मोश दिवाने किधर गए
उजड़े पड़े हैं दश्त ग़ज़ालों पे क्या बनी
सूने हैं कोहसार दिवाने किधर गए
वो हिज्र में विसाल की उम्मीद क्या हुई
वो रंज में ख़ुशी के बहाने किधर गए
दिन रात मैकदे में गुज़रती थी ज़िन्दगी
'अख़्तर' वो बेख़ुदी के ज़माने किधर गए