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'अख्तर' शीरानी
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मुहम्मद दाऊद खान

| जन्म | 4 मई 1905 |
|---|---|
| निधन | 9 सितम्बर 1948 |
| उपनाम | 'अख्तर' |
| जन्म स्थान | टोंक, राजस्थान |
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| कुल नौ दीवान प्रकाशित | |
| विविध | |
| जीवन परिचय | |
| 'अख्तर' शीरानी / परिचय | |
ग़ज़ल
- ऐ दिल वो आशिक़ी के / 'अख्तर' शीरानी
- झूम कर बदली उठी और छा गई / 'अख्तर' शीरानी
- किस को देखा है ये हुआ क्या है / 'अख्तर' शीरानी
- कुछ तो तंहाई की रातों में / 'अख्तर' शीरानी
- वादा उस माह-रू के आने का / 'अख्तर' शीरानी
- वो कभी मिल जाएँ तो / 'अख्तर' शीरानी
- यारो कू-ए-यार की बातें करें / 'अख्तर' शीरानी
- मेरे पहलू में जो बह निकले तुम्हारे आँसू / 'अख्तर' शीरानी
- निकहते-ज़ुल्फ़ से नीन्दों को बसा दे आकर / 'अख्तर' शीरानी
- मस्ताना पिए जा यूँ ही मस्ताना पिए जा / 'अख्तर' शीरानी
नज़्म
- बस्ती की लड़कियों में बदनाम हो रहा हूं / 'अख़्तर' शीरानी
- ओ देस से आने वाले बता! / 'अख्तर' शीरानी
- ऐ इश्क़, न छेड़ आ-आ के हमें / 'अख्तर' शीरानी
- दिल-ओ-दिमाग को रो लूँगा / 'अख्तर' शीरानी
- तमन्नाओं को ज़िन्दा आरज़ूओं को जवाँ कर लूँ / 'अख्तर' शीरानी
- मख़्मूर अपने दिल में, तकब्बुर न लाइए / 'अख्तर' शीरानी
- वो रातें याद आती हैं मुझे / 'अख्तर' शीरानी
- ऐ इश्क़ कहीं ले चल / 'अख्तर' शीरानी
- देखो ! वह कोई जोगन जँगल में गा रही है / 'अख्तर' शीरानी
