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"खड़े ने खप्पर धारणी / मालवी" के अवतरणों में अंतर

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खड़े ने खप्पर धारणी
 
खड़े ने खप्पर धारणी

15:32, 29 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

खड़े ने खप्पर धारणी
देवी जगदम्बा
थारे मदरो प्यालो हाथ
सदा मतवाली ओ
थारा पावां ने बिछिया सोवता वो
देवी जगदम्बा
थारी अनबट से लागी रयो बाद