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गढ़ परवत से उतरी देवी महाकालिका | गढ़ परवत से उतरी देवी महाकालिका |
15:33, 29 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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गढ़ परवत से उतरी देवी महाकालिका
सिंघा को असवार, सदा मतवाली
पांवन बिछिया सोहता हो देवी महाकालिका
थारा अनबट से लगी रयो बाद सदा मतवाली हो
हाथ खड़ग खप्पर धारणी हो देवी महाकालिका
मद रो प्यालो हाथ सदा मतवाली हो