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==जितेंद्र कुमार का नाम कोश में शामिल कीजिए।==
  
== और मानक ==
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इन के बारे में [http://www.oneindia.com/2006/10/09/parents-salute-martyr-son-through-poems-and-pottery-1160372202.html इधर] पढ़िए। आपको जँचे तो इनका नाम शामिल कीजिए। वैसे इनकी किताबों में इन्होंने अपने नाम के आगे शर्मा नहीं लिखा है।
दो चीज़ों पर मानक बनाने की और ज़रूरत है--
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मैं कई जगह देखता हूँ कि विराम चिह्न एक स्पेस देकर लिखे हुए मिलते हैं, ये ग़लत तरीक़ा है।
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—[[सदस्य:Sumitkumar|सुमितकुमार ओम कटारिया]] ([[सदस्य वार्ता:Sumitkumar|वार्ता]]) 15:50, 1 जून 2016 (CDT)
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==सक्रिय योगदानकर्ताओं से==
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कविता कोश के सभी सक्रिय सदस्यों को मेरा नमस्कार! आशा है आप सभी स्वस्थ और सानंद होंगे। कविता कोश तेज़ी से प्रगति कर रहा है यह बहुत खुशी की बात है। इस प्रगति में आप सभी का योगदान सम्मिलित है। अब समय आ गया कि हम कोश की गुणवत्ता की ओर भी ध्यान दें। हमें केवल इस कोश में अधिकाधिक पन्नें नहीं बनाने हैं बल्कि परफ़ेक्ट पन्नें बनाने हैं। आप सभी सक्रिय सदस्य लम्बें समय से सक्रिय हैं अत: आपको अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए परफ़ेक्ट पन्नें बनाने चाहिएँ।
  
और दूसरे ये कि, विकी पर एक नाम के दो पन्ने नहीं बन सकते है। ऐसी सूरत कोश पर तब आती है जब कविता संग्रह उसकी किसी कविता के नाम पर होता है। ऐसे में हम कुछ छोटा-सा फ़र्क़ कर देते हैं, जैसे [[तुम्हे सौंपता हूँ / त्रिलोचन]] संग्रह का और [[तुम्हे सौंपता हूँ. / त्रिलोचन]] कविता का। एक ये भी है: [[काल तुझ से होड़ है मेरी / शमशेर बहादुर सिंह]] और [[काल तुझ से होड़ है मेरी (कविता) / शमशेर बहादुर सिंह]]। इस वास्ते भी एक ही तरीक़ा तय कर दिया जाए। मेरी राय है कि हम दो पन्ने बनाएँ:
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'''[[सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का / अतुल अजनबी]]''' जैसे बने पन्नें कोश में स्वीकार्य नहीं हैं। इस ग़ज़ल में शे’रों के बीच दिए गए डॉट्स को हम कोश में कहीं भी प्रयोग नहीं करते। हमें इस तरह का कॉपी-पेस्ट-कार्य से आगे बढ़कर परफ़ेक्ट पन्नें बनानें होंगे। ऐसे पन्नें को बनाने का कोई बहुत अधिक फ़ायदा नहीं है जिसे अन्य लोगों को सुधारना पड़े। हम सभी के पास समय की कमी है –अत: हमें चाहिए कि चाहे हम कम पन्नें बनाएँ –लेकिन परफ़ेक्ट पन्नें बनाएँ।
#काल तुझ से होड़ है मेरी (कविता संग्रह) / शमशेर बहादुर सिंह
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#काल तुझ से होड़ है मेरी / शमशेर बहादुर सिंह
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'''[[कविता कोश के मानक]]''' पन्नें पर दी गई बातों का हर पन्नें पर अक्षरश: पालन करने से भी हम कोश के मानकीकरण की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। कोश में सभी पन्नों पर जितनी अधिक हो सके उतनी अधिक समानता बहुत ज़रूरी है। अगर हम मानक गलत बनाते हैं लेकिन उस मानक का अक्षरश: पालन करते हैं तो बाद में ग़लती समझ आने पर सब कुछ सुधारना अपेक्षाकृत आसान होता है। इसके उलट अगर हम विभिन्न पन्नों पर मन-माफ़िक काम करेंगे और हर पन्नें पर अलग ही किस्म की ग़लतियाँ नज़र आएंगी तो हमें इन ग़लतियों को सुधारने में बहुत अधिक समय नष्ट करना पड़ेगा।
  
और शमशेर बहादुर सिंह के पन्ने पर कविता संग्रह का लिंक यूँ दिया जाए:
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कॉपी-पेस्ट आसान काम है –लेकिन कविता कोश के अनुभवी योगदानकर्ताओं से अपेक्षा होती है कि वे आंख बंद करके कॉपी-पेस्ट ना करें।
  
<nowiki>[[काल तुझ से होड़ है मेरी (कविता संग्रह) / शमशेर बहादुर सिंह|काल तुझ से होड़ है मेरी / शमशेर बहादुर सिंह]]</nowiki>
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कोश में नई टेम्प्लेट बनाने से पहले हमें बहुत कुछ सोचना होता है। नई टेम्प्लेट या तो ना बनाए –या फिर बनाने से पहले मुझसे उसके बारे में चर्चा कर लें।
  
इससे दोनों जगह एक ही नाम दिखाई देगा। कोई अलग तरीक़ा भी करें तो सही होगा, बशर्ते एकरूपता हो।
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कविता कोश में आप सभी योगदान सराहनीय है और एक-समान भाव से सम्मान का पात्र है। कोश में सबसे अधिक पन्नें बनाने या अधिक बदलाव करने की प्रतियोगिता में ना पड़ें। इसके बजाए परफ़ेक्ट पन्नें बनाने की ओर ध्यान दें और कोश में पहले से मौजूद ग़लतियों को सुधारने की ओर ध्यान दें।
  
कविता के शीर्षक का प्रारूप भी सर्च से कविता पर जाने के लिए ज़रूरी है।
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लालित्य इंटरनेशनल के ज़रिए प्राप्त हुई धनराशी की मदद से कविता कोश को एक बेहतर सर्वर पर स्थानांतरित किया जा चुका है। वेबसाइट के कोड में भी मैंने बहुत-से बदलाव किए हैं। इस सबके चलते वेबसाइट पहले के मुकाबिले बेहतर हुई है लेकिन अभी भी कई समस्याएँ आड़े आ जाती हैं। मेरी कोशिश रहती है कि कविता कोश लगातार पाठकों को उपलब्ध रहे।
  
इसे लिखते वक़्त मुझे प्रतिष्ठा जी का संदेश मिला; कवि के नाम को भी वर्तनी मानक के मुआफ़िक करना मुझे भी अटपटा लग रहा था। खै़र, ये भी ध्यान रखूँगा। पर मैंने एकसाथ तीन पन्ने से ज़्यादा मूव करने पर चौथे पन्ने पर करने लगा तो एक संदेश आया, ज़रा देखिए:
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मैं लालित्य इंटरनेशनल के ज़रिए कविता कोश हेतु धन-जुटाने की कोशिश में व्यस्त हूँ। अनुभव से समझ आया है कि यह अपने आप में एक मुश्किल और बड़ा काम है। बहरहाल, धन उपलब्ध होते ही 500 से अधिक पृष्ठों का निर्माण करने वाले सभी योगदानकर्ताओं को उनके कार्य के अनुपात में आर्थिक मानदेय अर्पित किया जाएगा। उम्मीद है कि इससे योगदानकर्ताओं को निजी जीवन में सहायता मिलेगी।
  
'''स्पैम की रोकथाम के लिये, यह क्रिया इतने कम समय में एकसे ज्यादा बार करनेसे मनाई है, और आप इस मर्यादाको पार कर चुके हैं । कृपया कुछ समय बाद पुन: यत्न किजीयें ।'''
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कविता कोश को अब परफ़ेक्शन की ज़रूरत है। पन्नें बनाते समय कृपया इसका पूरा ध्यान रखें। पन्नों को बनाने के नियमों और मानकों का पालन नहीं करने पर मजबूरन योगदानकर्ता के अधिकारों को सीमित करना पड़ सकता है। ग़लती करें लेकिन ग़लती को दोहराएँ नहीं। ग़लती करके सीखना हम सभी के लिए बहुत ज़रूरी है।
  
हिंदी इंटरफ़ेस बनाने में लापरवाही की गई है। ललित जी से और महनत करने की गुज़ारिश करता हूँ।
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आप सभी के लिए मंगलकामना सहित
  
[[सदस्य:Sumitkumar kataria|सुमितकुमार कटारिया]]([[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]]) १५:१९, ३० जून २००८ (UTC)
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आपका ही
  
==वर्तनी-सुधार==
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--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] ([[सदस्य वार्ता:Lalit Kumar|वार्ता]]) 12:09, 23 जुलाई 2012 (IST)
आदरणीय अनिल जी और सुमित जी,
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१) सुपर स्क्रिप्ट के लिये मैनें Edit pages की टूलबार में एक बटन बना दिया है। इससे सुपर स्क्रिप्ट जोड़ना थोड़ा आसान हो जाएगा। शब्दार्थ जोड़ने को भी आसान बनाने के लिये एक उपाय सोच रहा हूँ।
+
==मानकीकरण पृष्ठ पर समस्या==
  
२) वर्तनी सुधार एक बहुत बड़ा काम है। कविता कोश के ८००० से अधिक पन्नों को जाँचना आसान नहीं है। इसके लिये काफ़ी लोग चाहिये... पर अभी के लिये मैं इस काम को वर्णमाला के अक्षरों के मुताबिक बाँटना चाहूंगा। जैसे की अ और आ से जिन रचनाकारों के नाम शुरु होते हों -उनके सारे पन्नों को कोई एक व्यक्ति जांचेगा। ये ज़िम्मेदारी बाँटने से पहले, हम एक बार तय कर लें की किन वर्तनी-त्रुटियों के होने की अधिक संभावना है और उन्हें कैसे ठीक किया जाएगा। मैं और प्रतिष्ठा आपके जैसा अच्छा भाषा ज्ञान नहीं रखते -सो बेहतर ये होगा कि आप दोनों [[कविता कोश में वर्तनी के मानक]] पन्ने पर इस बारे में लिखें कि सही क्या है और ग़लत क्या है। काम शुरु करने से पहले प्रतिष्ठा और मैं इस पन्ने का ठीक से अध्ययन कर लेंगे और उसी के मुताबिक त्रुटियों को खोजेंगे और ठीक करेंगे। जब तक आप लोग वर्तनी के मानकों के इस पन्ने को विकसित नहीं कर लेते -तब तक वर्तनी सुधार का काम बंद रहेगा (प्रतिष्ठा, मैं या आप दोनों फ़िलहाल ये काम न करें और मानकों का पन्ना विकसित करने की ओर ध्यान दें -क्योंकि वही हमारे काम का आधार बनेगा).
+
आदरणीय महोदय
  
३) यदि कोई रचनाकार अपने उपनाम से ही जाना जाने लगा हो तो "नाम" कॉलम में उपनाम ही आना चाहिये। यदि रचनाकार का मूलनाम ज्ञात है -तो उसे "विविध" कॉलम में लिख सकते हैं।
+
कविताकोश के मानकीकरण पृष्ठ पर 'सितंबर' माह हेतु मानक शब्द 'सितम्बर' अंकित है जबकि किसी भी लेखक की जन्मतिथि  सितम्बर  लिखने पर बिना बने पन्ने के अनुरूप लाल रंग से चमकता है जबकि सितंबर लिखने पर वह बने पन्ने के अनुरूप नीले रंग का बना दिखता है [[अतुल अजनबी]] का पन्ना बनाने में यह समस्या प्रकट हुयी है कृपया इस ओर ध्यान देकर  इसे सही करने का कष्ट करें।
  
४) अनिल जी, ये जनरल और सिपाही वाली बात आपने खूब कही। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है -मैं भी एक सिपाही हूँ बल्कि एक छोटा सिपाही हूँ। आशा है कि बाकी योगदानकर्ताओं को आपके इस संदेश से कोई ग़लतफ़हमी नहीं होगी।
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--[[सदस्य:Dr. ashok shukla|अशोक कुमार शुक्ला]] ([[सदस्य वार्ता:Dr. ashok shukla|वार्ता]]) 13:02, 24 जुलाई 2012 (IST)
 
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सादर, '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] १०:४६, १९ अप्रैल २००८ (UTC)'''
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:सुपरस्क्रिप्ट का बटन डाल कर अच्छा किया, लाइन ब्रेक का भी डाल दीजिए, पर पता नहीं सुपरस्क्रिप्ट डालने से बाक़ी लाइन में क्यों गड़बड़ हो जाती है।
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:आप शब्दार्थों के बारे में सोच रहे हैं, मेरे दिमाग़ में भी इसके बारे में कुछ है। [http://www.new.dli.ernet.in DLI] पर [http://www.new.dli.ernet.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/data_copy/upload/0081/709&first=1&last=532&barcode=2990140081704 उर्दू-हिंदी देवनागरी कोश]है। उसके कैच-वर्डों की सारणी मैं महीनों से पूरी करने की सोच रहा हूँ। कुछ इस मारे कि उर्दू के लिए ललक चुक गई, और कुछ इस वजह से कि उर्दू का बहुत ही बढ़िया कोश यहाँ पर मिल गया—[http://www.crulp.org/oud‎ اردو لغت‎], मैंने अभी तक उसे पूरा नहीं किया है‎। आधी फ़ेहरिस्त ये लीजिए—[[उर्दू कोश]], इससे आप शब्द खोज सकते हैं। आज इसकी प्रस्तवना पढ़ी, उसमें भी मुझे चंद्रबिंदु वाली ग़लती दिखी है, ये भी सिर्फ़ छपाई की ग़लती है। निरा उर्दू वाला कोश जो है, उसमें अगर आपको उर्दू यूनिकोड की टाइपिंग नहीं आती तो उर्दू तख़्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं। शिकागो युनिवर्सिटी की साइट:[http://dsal.uchicago.edu/dictionaries/ Digital Dictionaries of South Asia]पर मई में हिंदी शब्दसागर आने वाली थी, अब ये जुलाई तक टल गया है। जब ये आ जाए, तब कोई ऐसा इंतज़ाम चाहिए होगा जैसे कि हर कोश के हर पन्ने पर वहाँ का सर्च-बॉक्स हो।
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:पर ये सब बात की बातें हैं, आज दूसरी दफा जब बैठूँगा, तब वर्तनी मानक पर काम पूरा कर दूँगा।
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--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|सुमितकुमार कटारिया]]([[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]]) ०५:०३, २० अप्रैल २००८ (UTC)
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==  ==
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देर करने के लिए माफी। जितना मुझे आता था, वर्तनी मानक वाले पन्ने का काम कर दिया, बाक़ी अनिल जी चाहें तो और भी कोई सुधार कर सकते हैं। पर अब हमें वर्तनी सुधारने का काम शुरु कर देना चाहिए, जो ग़लतियाँ ज़्यादा पाई जाती हैं, उनके बारे में लिख दिया है।
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लाइन ब्रेक का बटन सही से नहीं आया। <pre><br /></pre>ऐसा दिखाई पड़ रहा है।
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--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|सुमितकुमार कटारिया]]([[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]]) ०४:११, २१ अप्रैल २००८ (UTC)
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==स्किन==
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मैं कविता कोश विकि की स्किन बदलने पर विचार कर रहा हूँ। Quartz स्किन का प्रयोग करने से बायें ओर के बक्सों द्वारा रचनाओं को ढकने की समस्या दूर हो सकती है। लेकिन मैं Quartz स्किन को ज्यों का त्यों प्रयोग नहीं करना चाहता। दर-असल जो स्किन अभी है -मैं फ़िलहाल वही रखना चाहता हूँ -और किसी तरह से बक्सों द्वारा ढकाव की समस्या का इसी स्किन में समाधान सोच रहा हूँ (हालांकि यह काम विकि के प्रोगरामर्स ही कर पाएँगे)। समस्या और उसका सुझाया गया समाधान दोनों ही मेरे ध्यान में हैं। आशा है जल्द ही कोई समाधान तय कर उसे लागू कर पाऊंगा।
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लाइन ब्रेक के लिये <nowiki><br /> </nowiki>ठीक है। यह XHTML आधारित टैग है।
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'''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] ११:३३, २६ अप्रैल २००८ (UTC)'''
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:आप कह रहे हैं कि क्वार्ट्ज़ का ज्यों का त्यों इस्तेमाल नहीं करना चाहते। मेरे खय़ाल से आपने  [http://inside.wikia.com/wiki/Quartz_Skin_Customization इस पन्ने] को नहीं पढ़ा है। और आप मौजूदा स्किन को ही सुधारना चाहते हैं। तो मेरी राय है कि जब तक आप इसकी कोई तिकड़म नहीं निकाल लेते, तब तक तो क्वार्ट्ज़ को लगा दीजिए, या कहीं पर लिख दीजिए कि-- हम सुधार कर रहे हैं, तब तक आप चाहे तो अकाउंट बना के स्किन चुन लीजिए, या फिर अकाउंट नहीं बनाना है तो प्रिंटेबल वर्ज़न का लिंक दिखाई देता है, उससे पढ़ लीजिए। मुझे ये बात पहले ही उठानी चाहिए थी। डिब्बों की वजह से कितने सारे लोग कोश से दूर भाग जाते हैं। अकाउंट वाले तो ५०-६० लोग ही हैं। ये ज़रूरी मसला है। [[सदस्य:Sumitkumar kataria|सुमितकुमार कटारिया]]([[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]]) १६:२९, २६ अप्रैल २००८ (UTC)
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ठीक है, मैं आपकी बात से सहमत हूँ। बक्सों की समस्या के कारण कोश से लोगो का दूर जाना उचित नहीं। मैं Quartz स्किन को एक्टिवेट कर रहा हूँ। फ़िलहाल यह बदलाव अस्थायी है। आगे देखते हैं क्या होता है। '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] १७:१७, २६ अप्रैल २००८ (UTC)'''
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02:20, 2 जून 2016 के समय का अवतरण

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जितेंद्र कुमार का नाम कोश में शामिल कीजिए।

इन के बारे में इधर पढ़िए। आपको जँचे तो इनका नाम शामिल कीजिए। वैसे इनकी किताबों में इन्होंने अपने नाम के आगे शर्मा नहीं लिखा है।

सुमितकुमार ओम कटारिया (वार्ता) 15:50, 1 जून 2016 (CDT)


सक्रिय योगदानकर्ताओं से

कविता कोश के सभी सक्रिय सदस्यों को मेरा नमस्कार! आशा है आप सभी स्वस्थ और सानंद होंगे। कविता कोश तेज़ी से प्रगति कर रहा है यह बहुत खुशी की बात है। इस प्रगति में आप सभी का योगदान सम्मिलित है। अब समय आ गया कि हम कोश की गुणवत्ता की ओर भी ध्यान दें। हमें केवल इस कोश में अधिकाधिक पन्नें नहीं बनाने हैं बल्कि परफ़ेक्ट पन्नें बनाने हैं। आप सभी सक्रिय सदस्य लम्बें समय से सक्रिय हैं अत: आपको अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए परफ़ेक्ट पन्नें बनाने चाहिएँ।

सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का / अतुल अजनबी जैसे बने पन्नें कोश में स्वीकार्य नहीं हैं। इस ग़ज़ल में शे’रों के बीच दिए गए डॉट्स को हम कोश में कहीं भी प्रयोग नहीं करते। हमें इस तरह का कॉपी-पेस्ट-कार्य से आगे बढ़कर परफ़ेक्ट पन्नें बनानें होंगे। ऐसे पन्नें को बनाने का कोई बहुत अधिक फ़ायदा नहीं है जिसे अन्य लोगों को सुधारना पड़े। हम सभी के पास समय की कमी है –अत: हमें चाहिए कि चाहे हम कम पन्नें बनाएँ –लेकिन परफ़ेक्ट पन्नें बनाएँ।

कविता कोश के मानक पन्नें पर दी गई बातों का हर पन्नें पर अक्षरश: पालन करने से भी हम कोश के मानकीकरण की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। कोश में सभी पन्नों पर जितनी अधिक हो सके उतनी अधिक समानता बहुत ज़रूरी है। अगर हम मानक गलत बनाते हैं लेकिन उस मानक का अक्षरश: पालन करते हैं तो बाद में ग़लती समझ आने पर सब कुछ सुधारना अपेक्षाकृत आसान होता है। इसके उलट अगर हम विभिन्न पन्नों पर मन-माफ़िक काम करेंगे और हर पन्नें पर अलग ही किस्म की ग़लतियाँ नज़र आएंगी तो हमें इन ग़लतियों को सुधारने में बहुत अधिक समय नष्ट करना पड़ेगा।

कॉपी-पेस्ट आसान काम है –लेकिन कविता कोश के अनुभवी योगदानकर्ताओं से अपेक्षा होती है कि वे आंख बंद करके कॉपी-पेस्ट ना करें।

कोश में नई टेम्प्लेट बनाने से पहले हमें बहुत कुछ सोचना होता है। नई टेम्प्लेट या तो ना बनाए –या फिर बनाने से पहले मुझसे उसके बारे में चर्चा कर लें।

कविता कोश में आप सभी योगदान सराहनीय है और एक-समान भाव से सम्मान का पात्र है। कोश में सबसे अधिक पन्नें बनाने या अधिक बदलाव करने की प्रतियोगिता में ना पड़ें। इसके बजाए परफ़ेक्ट पन्नें बनाने की ओर ध्यान दें और कोश में पहले से मौजूद ग़लतियों को सुधारने की ओर ध्यान दें।

लालित्य इंटरनेशनल के ज़रिए प्राप्त हुई धनराशी की मदद से कविता कोश को एक बेहतर सर्वर पर स्थानांतरित किया जा चुका है। वेबसाइट के कोड में भी मैंने बहुत-से बदलाव किए हैं। इस सबके चलते वेबसाइट पहले के मुकाबिले बेहतर हुई है लेकिन अभी भी कई समस्याएँ आड़े आ जाती हैं। मेरी कोशिश रहती है कि कविता कोश लगातार पाठकों को उपलब्ध रहे।

मैं लालित्य इंटरनेशनल के ज़रिए कविता कोश हेतु धन-जुटाने की कोशिश में व्यस्त हूँ। अनुभव से समझ आया है कि यह अपने आप में एक मुश्किल और बड़ा काम है। बहरहाल, धन उपलब्ध होते ही 500 से अधिक पृष्ठों का निर्माण करने वाले सभी योगदानकर्ताओं को उनके कार्य के अनुपात में आर्थिक मानदेय अर्पित किया जाएगा। उम्मीद है कि इससे योगदानकर्ताओं को निजी जीवन में सहायता मिलेगी।

कविता कोश को अब परफ़ेक्शन की ज़रूरत है। पन्नें बनाते समय कृपया इसका पूरा ध्यान रखें। पन्नों को बनाने के नियमों और मानकों का पालन नहीं करने पर मजबूरन योगदानकर्ता के अधिकारों को सीमित करना पड़ सकता है। ग़लती करें लेकिन ग़लती को दोहराएँ नहीं। ग़लती करके सीखना हम सभी के लिए बहुत ज़रूरी है।

आप सभी के लिए मंगलकामना सहित

आपका ही

--Lalit Kumar (वार्ता) 12:09, 23 जुलाई 2012 (IST)

मानकीकरण पृष्ठ पर समस्या

आदरणीय महोदय

कविताकोश के मानकीकरण पृष्ठ पर 'सितंबर' माह हेतु मानक शब्द 'सितम्बर' अंकित है जबकि किसी भी लेखक की जन्मतिथि सितम्बर लिखने पर बिना बने पन्ने के अनुरूप लाल रंग से चमकता है जबकि सितंबर लिखने पर वह बने पन्ने के अनुरूप नीले रंग का बना दिखता है अतुल अजनबी का पन्ना बनाने में यह समस्या प्रकट हुयी है कृपया इस ओर ध्यान देकर इसे सही करने का कष्ट करें।

--अशोक कुमार शुक्ला (वार्ता) 13:02, 24 जुलाई 2012 (IST)