<poem>मुझसे कह देना{{KKGlobal}}{{KKParichay|चित्र=Sanjayacharyavarun.JPG|नाम=संजय आचार्य वरुण|उपनाम=|जन्म=3 अगस्त 1980 |जन्मस्थान=बीकानेर (राजस्थान)|मृत्यु= |कृतियाँ="मुट्ठी भर उजियारो" एवं "सुन! ओ ठहरे हुए एक दिन" कविता-संग्रह प्रकाशित । |विविध="मंडाण" के कवि।|अंग्रेज़ीनाम=Sanjay Acharya Varun|जीवनी=[[संजय आचार्य वरुण / परिचय]]|shorturl=}}{{KKCatRajasthan}}
जब उजास की बात करो तो
मुझ से कह देना
जब धरती पर गंगाजल सी====राजस्थानी कविता-संग्रह====किरणें उतरे आकरसारा कल्मष धुल जाता हैताप सूर्य का पाकर* '''[[मुट्ठी भर उजियाळौ / संजय आचार्य वरुण]]'''
कुदरत की जब कहो कहानी====हिंदी कविता-संग्रह====मुझसे कह देना* '''[[सुन! ओ ठहरे हुए एक दिन / संजय आचार्य वरुण]]'''
घर की देहरी पर छोटा सा
दीप हमेशा धरना
उसका काम यही होगा बस
पल-पल तम को हरना
अंधियारे से लडना हो तो'''राजस्थानी कविताएं'''मुझसे कह देना* [[मुट्ठी भर उजियाळो / संजय आचार्य वरुण]]* [[सतरंगी काया / संजय आचार्य वरुण]]* [[तू आभौ / संजय आचार्य वरुण]]* [[रिस्तो / संजय आचार्य वरुण]]* [[काया अर म्हैं / संजय आचार्य वरुण]]* [[लाय / संजय आचार्य वरुण]]
एक पलक में चाँद छुपा हैएक पलक मे सूरजकई समन्दर सबके भीतरइसमें कैसा अचरज जब काया का चित्र उकेरो'''मुझसे कह देनाहिन्दी कविताएँ''' जिसने अपने भीतर-भीतरखुद को ही ललकाराखुद को किया पराजित जिसनेउससे ये जग हारा भरनी हो हुंकार अगर तो* [[मुझसे कह देना जीवन की बारहखडी बांचीशब्द नहीं घड पायाजितना-जितना भरा स्वयं कोउतना खाली पाया अर्थ उम्र का मिल जा तोमुझसे कह देना एक किनारे सत्य खडा हैएक किनारे मेलाबीच में है इस दुनियाआता जाता रेला चलना हो उस पार अगर तोमुझसे कह देना।</poem>संजय आचार्य वरुण]]