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"शहर में साँप / 8 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय" के अवतरणों में अंतर
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− | साँप | + | साँप के डँसे |
− | + | बच सकता है आदमी | |
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14:35, 1 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
साँप के डँसल
बैच सकै छै आदमी
आदमी केॅ काटल
नै बैच सकै छै साँप।
अनुवाद:
साँप के डँसे
बच सकता है आदमी
आदमी के काटे
नहीं बच सकता है साँप