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"सर्दियों में चाँद / प्रकाश मनु" के अवतरणों में अंतर

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14:52, 16 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

सर्दी में क्यों ठिठुर रहे हो
नभ के चाँद छबीले,
बीमार कहीं मत हो जाना-
नन्हे पथिक हठीले।

चुपके-से मेरे कमरे में
आ जाओ तुम भाई,
हाथ तापने को हीटर है
ओढ़ो गरम रजाई।

या मुझसे कंबल ले जाओ
पहनो स्वेटर प्यारा,
इससे रूप निखर आएगा
सचमुच खूब तुम्हारा!