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"बताऊँ तुम्हें क्या है दिल का लगाना / देवी नागरानी" के अवतरणों में अंतर
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− | यहां रोज सजती है खुशियों की महफ़िल | + | मचलता है लब पर खुशी का तराना |
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− | सदा घूमते हैं सरे-आम खतरे | + | सदा घूमते हैं सरे-आम खतरे |
− | बहुत ही है दुश्वार खुद को बचाना | + | बहुत ही है दुश्वार खुद को बचाना |
− | करें कैसे अपने-पराये की बातें | + | |
− | दिलों ने अगर दिल से रिश्ता न माना | + | करें कैसे अपने-पराये की बातें |
+ | दिलों ने अगर दिल से रिश्ता न माना | ||
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19:04, 27 जून 2017 के समय का अवतरण
ख़ता अब बनी है सजा का फ़साना
बताऊँ तुम्हें क्या है दिल का लगाना
हवा में न जाने ये कैसा नशा है
पिये बिन ही झूमे है सारा ज़माना
यहां रोज सजती है खुशियों की महफ़िल
मचलता है लब पर खुशी का तराना
सदा घूमते हैं सरे-आम खतरे
बहुत ही है दुश्वार खुद को बचाना
करें कैसे अपने-पराये की बातें
दिलों ने अगर दिल से रिश्ता न माना