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"माना तेरे होठों पे खुशियों के तराने हैं / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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माना तेरे होठों पे खुशियों के तराने हैं।
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माना तेरे होठों पे खुशियों के तराने हैं
 
आँखों में हमारी भी आँसू के ख़जाने हैं।
 
आँखों में हमारी भी आँसू के ख़जाने हैं।
  
बरबाद मुहब्बत ने आबाद किया हमको,
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बरबाद मुहब्बत ने आबाद किया हमको
 
तपती हुई रेतों में कुछ सपने सुहाने हैं।
 
तपती हुई रेतों में कुछ सपने सुहाने हैं।
  
नफ़रत भी न कर पायें, उल्फ़त भी न कर पायें,
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नफ़रत भी न कर पायें, उल्फ़त भी न कर पायें
 
खुशबू में डूबे हुए ख़त तेरे पुराने हैं।  
 
खुशबू में डूबे हुए ख़त तेरे पुराने हैं।  
  
जो ख़्वाब थे देखे कभी दो दिन में वो टूट गये,
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जो ख़्वाब थे देखे कभी दो दिन में वो टूट गये
 
काँटे जो चुभे दिल में पलकों पे सजाने हैं।
 
काँटे जो चुभे दिल में पलकों पे सजाने हैं।
  
ऐ दोस्त हमारे वक्त अब मेल नहीं खाते,
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ऐ दोस्त हमारे वक्त अब मेल नहीं खाते
 
तू आज का सच ठहरा हम गुज़रे ज़माने हैं।
 
तू आज का सच ठहरा हम गुज़रे ज़माने हैं।
  
 
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17:04, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

माना तेरे होठों पे खुशियों के तराने हैं
आँखों में हमारी भी आँसू के ख़जाने हैं।

बरबाद मुहब्बत ने आबाद किया हमको
तपती हुई रेतों में कुछ सपने सुहाने हैं।

नफ़रत भी न कर पायें, उल्फ़त भी न कर पायें
खुशबू में डूबे हुए ख़त तेरे पुराने हैं।

जो ख़्वाब थे देखे कभी दो दिन में वो टूट गये
काँटे जो चुभे दिल में पलकों पे सजाने हैं।

ऐ दोस्त हमारे वक्त अब मेल नहीं खाते
तू आज का सच ठहरा हम गुज़रे ज़माने हैं।