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"वसीम बरेलवी" के अवतरणों में अंतर
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|अंग्रेज़ीनाम=Wasim Barelvi, Waseem Barelwi | |अंग्रेज़ीनाम=Wasim Barelvi, Waseem Barelwi |
09:13, 23 फ़रवरी 2018 का अवतरण
ज़ाहिद हसन वसीम
जन्म | 18 फ़रवरी 1940 |
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उपनाम | वसीम बरेलवी |
जन्म स्थान | बरेली, रुहेलखंड, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
आँखों आँखों रहे, मौसम अन्दर-बाहर के, तबस्सुमे-ग़म, आँसू मेरे दामन तेरा, मिजाज़, मेरा क्या | |
विविध | |
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग में प्रोफ़ेसर हैं। | |
जीवन परिचय | |
वसीम बरेलवी / परिचय |
ग़ज़ल संग्रह
कुछ प्रतिनिधि ग़ज़लें / नज़्में
- मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है / वसीम बरेलवी
- उसूलों पे जहाँ आँच आये / वसीम बरेलवी
- उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी है / वसीम बरेलवी
- कितना दुश्वार है दुनिया ये हुनर आना भी / वसीम बरेलवी
- अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है / वसीम बरेलवी
- लहू न हो तो क़लम / वसीम बरेलवी
- आते आते मेरा नाम / वसीम बरेलवी
- ज़रा सा क़तरा कहीं / वसीम बरेलवी
- मिली हवाओं में उड़ने की / वसीम बरेलवी
- मैं चाहता भी / वसीम बरेलवी
- मैं इस उम्मीद पे डूबा कि तू बचा लेगा / वसीम बरेलवी
- अपने हर लफ़्ज़ का ख़ुद आईना हो जाऊँगा / वसीम बरेलवी
- खुल के मिलने का सलीक़ा आपको आता नहीं / वसीम बरेलवी
- क्या दुःख है, समंदर को बता भी नहीं सकता / वसीम बरेलवी
- कही सुनी पे बहुत एतबार करने लगे / वसीम बरेलवी
- हुस्न बाज़ार हुआ क्या कि हुनर ख़त्म हुआ / वसीम बरेलवी
- रात के टुकड़ों पे पलना छोड़ दे / वसीम बरेलवी
- तुझको सोचा तो पता हो गया रुसवाई को / वसीम बरेलवी
- मैं अपने ख़्वाब से बिछ्ड़ा नज़र नहीं आता / वसीम बरेलवी
- क्या बताऊं कैसा ख़ुद को दर-ब-दर मैंने किया / वसीम बरेलवी
- कहाँ तक आँख रोएगी कहाँ तक किसका ग़म होगा / वसीम बरेलवी
- कौन-सी बात कहाँ , कैसे कही जाती है / वसीम बरेलवी
- तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते / वसीम बरेलवी