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"होली / सरवन बख्तावर" के अवतरणों में अंतर

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होली के दिन आवत है बबुवा,
गावो बसन्ती गीत!
गाँव-गाँव में होलिका गड़ गैल,
होई प्रह्लाद के भक्ति के जीत!!!!
अरे मन मीत, काहे बातो इतना धीट?
प्रेम-प्यार में बाँधो सबको,
येही है प्रीत के रीत।