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"साँवर-गोरवा / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर
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07:55, 23 मई 2018 के समय का अवतरण
सोहै न तोके पतलून साँवर गोरवा॥
काट, बूट, जाकट, कमीच क्यों पहिनि बने बैबून सां। गो।
काली सूरत पर काला कपड़ा, देत किए रंग दून सां। गो।। 
अँगरेजी कपड़ा छोड़ह कितौ, ल्याय लगावः मुहें चून सा।॥
दाढ़ीरखिकै बार कटावत और बढ़ाए नाखून सां। गो।। 
चलत चाल बिगड़ैल घोड़ सम, बोलत जैसे मजनून सां। गो।॥
चन्दन तजि मुँह ऊपर साबुन, कहों मलह दुऔ जून सांत्र गों। 
चूसह चुरुट लाख पर लागत, पान बिना मुँह सून सांत्र गो।॥
अच्छर चारि पढ़ेह अँगरेजी, बनि गयः अफ़लातून सांत्र गोत्र। 
मिलहि मेम तो हैं कैसे, जेकर फ़ेयर फे़स लाइक्दी मून सा।॥
बिस्कुट, केक कहा तूँ पैब्यः, चाभः चना भलें भून सां। गो।
डियर प्रेमघन हियर दया कर गीत न गावो लैम्पून सा।
 
	
	

