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"क्यों धरा है आज प्यासी इस तरह / मृदुला झा" के अवतरणों में अंतर
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20:31, 4 मई 2019 का अवतरण
हो रहीं नदियां सियासी इसतरह।
जान की परवा किसे है आजकलए
फैली है हरसू उदासी इसतरह।
रो रहे माँ बाप क्यों सुनसान मेंए
बढ़ रही क्यों बदहवासी इसतरह।
कौन जाने कब मिले इसकी दवाए
हो रही सबकी तलाशी इसतरह।
खुश रहें सबलोग इस संसार मेंए
दूर हो सबकी उदासी इसतरह।