भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र= |नाम=निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस |उपनाम=Ν...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
|जन्मस्थान=ग्राम क्रोकीस, स्पार्टा, लकोनिया, यूनान | |जन्मस्थान=ग्राम क्रोकीस, स्पार्टा, लकोनिया, यूनान | ||
|मृत्यु=04 अगस्त 1991 | |मृत्यु=04 अगस्त 1991 | ||
− | |कृतियाँ=छाया और प्रकाश के नीचे (1929), ’कविताएँ’ शीर्षक से तीन खण्डों में रचनावली | + | |कृतियाँ=छाया और प्रकाश के नीचे (1929), योन्स के मौन में उतरते हुए, (1935), ’कविताएँ’ शीर्षक से तीन खण्डों में रचनावली |
− | |विविध=यूनान के अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कवि। दो बार यूनानी राज्य कविता पुरस्कार से सम्मानित। यूनानी सिविल सर्विस में तीस वर्ष तक सरकारी सेवा के बाद यूनानी-इतालवी युद्ध में हिस्सेदारी। 1967 में यूनान में सैन्य तानाशाही स्थापित होने के बाद यूनान छोड़कर साढ़े छह साल तक स्वीट्जरलैण्ड और इटली में रहे। 1974 में स्वदेश वापसी। सैन्य तानाशाही के ख़िलाफ़ उठ खड़े होने वाले विद्रोही छात्र कोस्तास गिओर्गाकिस के बारे में एक लम्बी कविता लिखी, जो यूनानी साहित्य के इतिहास में महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है। इनकी कुछ कविताएँ संगीत में ढालकर यूनान में लोकप्रिय गीतों के रूप में गाई जाती हैं और एकतरह से वे लोकगीतों का दर्जा पा गई हैं। | + | |विविध=यूनान के अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कवि। ओरेनिस पुरस्कार और दो बार यूनानी राज्य कविता पुरस्कार से सम्मानित। यूनानी सिविल सर्विस में तीस वर्ष तक सरकारी सेवा के बाद 1940 में यूनानी-इतालवी युद्ध में हिस्सेदारी। बाद में यूनान पर जब जर्मनी ने कब्ज़ा कर लिया तो वे यूनान आज़ादी सेना में सक्रिय। इसी दौरान ’जंगली जानवर’ नामक कविता-सँग्रह का प्रकाशन। इसी दौरान यूनानी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गए। 1957 में रूस जाकर मकसीम गोर्की की पत्नी से मुलाक़ात की। 1967 में यूनान में सैन्य तानाशाही स्थापित होने के बाद यूनान छोड़कर साढ़े छह साल तक स्वीट्जरलैण्ड और इटली में रहे। 1974 में स्वदेश वापसी। सैन्य तानाशाही के ख़िलाफ़ उठ खड़े होने वाले विद्रोही छात्र कोस्तास गिओर्गाकिस के बारे में एक लम्बी कविता लिखी, जो यूनानी साहित्य के इतिहास में महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है। इनकी कुछ कविताएँ संगीत में ढालकर यूनान में लोकप्रिय गीतों के रूप में गाई जाती हैं और एकतरह से वे लोकगीतों का दर्जा पा गई हैं। |
|जीवनी=[[निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / परिचय]] | |जीवनी=[[निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / परिचय]] | ||
|अंग्रेज़ीनाम=Nikiforos Vrettakos | |अंग्रेज़ीनाम=Nikiforos Vrettakos |
02:39, 6 अगस्त 2019 का अवतरण
निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 01 जनवरी 1912 |
---|---|
निधन | 04 अगस्त 1991 |
उपनाम | Νικηφόρος Βρεττάκος |
जन्म स्थान | ग्राम क्रोकीस, स्पार्टा, लकोनिया, यूनान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
छाया और प्रकाश के नीचे (1929), योन्स के मौन में उतरते हुए, (1935), ’कविताएँ’ शीर्षक से तीन खण्डों में रचनावली | |
विविध | |
यूनान के अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कवि। ओरेनिस पुरस्कार और दो बार यूनानी राज्य कविता पुरस्कार से सम्मानित। यूनानी सिविल सर्विस में तीस वर्ष तक सरकारी सेवा के बाद 1940 में यूनानी-इतालवी युद्ध में हिस्सेदारी। बाद में यूनान पर जब जर्मनी ने कब्ज़ा कर लिया तो वे यूनान आज़ादी सेना में सक्रिय। इसी दौरान ’जंगली जानवर’ नामक कविता-सँग्रह का प्रकाशन। इसी दौरान यूनानी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गए। 1957 में रूस जाकर मकसीम गोर्की की पत्नी से मुलाक़ात की। 1967 में यूनान में सैन्य तानाशाही स्थापित होने के बाद यूनान छोड़कर साढ़े छह साल तक स्वीट्जरलैण्ड और इटली में रहे। 1974 में स्वदेश वापसी। सैन्य तानाशाही के ख़िलाफ़ उठ खड़े होने वाले विद्रोही छात्र कोस्तास गिओर्गाकिस के बारे में एक लम्बी कविता लिखी, जो यूनानी साहित्य के इतिहास में महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है। इनकी कुछ कविताएँ संगीत में ढालकर यूनान में लोकप्रिय गीतों के रूप में गाई जाती हैं और एकतरह से वे लोकगीतों का दर्जा पा गई हैं। | |
जीवन परिचय | |
निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / परिचय |