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"मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ आवरो से चन्दन हो" के अवतरणों में अंतर

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मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ आवरो से चन्दन हो
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मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ अवरो से चन्दन हो
 
रामा सुघर बडइया मारे छेवर लालन जी के पालन हो॥
 
रामा सुघर बडइया मारे छेवर लालन जी के पालन हो॥
 
रामा के गढउ खडउवा लालन जी के पालन हो,
 
रामा के गढउ खडउवा लालन जी के पालन हो,
रामा जसुमती ठाडी झुलावै लालन जी के पालन हो॥
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रामा जसुमती ठाढ़ी झुलावैं लालन जी के पालन हो॥
झुलहु त लाल झुलाहु अवरो से झुलहु हो
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झूलहु ए लाल झूलहु अवरो से झूलहु हो
 
रामा जमुना से जल भरि लाईं त झुलवा झुलाइब हो॥
 
रामा जमुना से जल भरि लाईं त झुलवा झुलाइब हो॥
जमुना पहुच न पावों घडिलवौ ना भरिलिउं हो
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जमुना पहुँच न पावों घडिलवौ ना भरिलिउं हो
रामा पिछ्वा उलति जो मैं चितवुं पहल मुरली बाजल हो॥  
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रामा पिछवाँ उलटि जो मैं चितवौं पहल मुरली बाजल हो॥  
 
रान परोसिन मैया मोरी अवरो बहिन मोरी हो
 
रान परोसिन मैया मोरी अवरो बहिन मोरी हो
 
बहिनि छवहि दिना के भइने लाल त मुरली बजावल हो॥
 
बहिनि छवहि दिना के भइने लाल त मुरली बजावल हो॥
चुप रहो जसुमति चुप रहो दुस्मन ज नी सुने हो
+
चुप रहु जसुमति चुप रहु दुसमन जनि सुनै हो
बहिनी ई हैं के कन्स के मारिहै औ गोकुला बसैहे हो॥
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बहिनी ईहैं त कंस के मारिहैं औ गोकुला बसैहैं हो॥
 
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20:38, 22 जनवरी 2020 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ अवरो से चन्दन हो
रामा सुघर बडइया मारे छेवर लालन जी के पालन हो॥
रामा के गढउ खडउवा लालन जी के पालन हो,
रामा जसुमती ठाढ़ी झुलावैं लालन जी के पालन हो॥
झूलहु ए लाल झूलहु अवरो से झूलहु हो
रामा जमुना से जल भरि लाईं त झुलवा झुलाइब हो॥
जमुना पहुँच न पावों घडिलवौ ना भरिलिउं हो
रामा पिछवाँ उलटि जो मैं चितवौं पहल मुरली बाजल हो॥
रान परोसिन मैया मोरी अवरो बहिन मोरी हो
बहिनि छवहि दिना के भइने लाल त मुरली बजावल हो॥
चुप रहु जसुमति चुप रहु दुसमन जनि सुनै हो
बहिनी ईहैं त कंस के मारिहैं औ गोकुला बसैहैं हो॥