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"वो इस दफ़ा लौट कर आये और सफाई दे दे / कबीर शुक्ला" के अवतरणों में अंतर

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15:45, 27 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण

वो इक दफ़ा लौटकर आये और सफाई दे दे।
बेवफाई से कुछ बाकी हो तो वह रुसवाई दे दे।

मेरी सूजी पलकें तुमसे देखी ना जायेंगी साकी,
दो चार दिन के लिये मुझे मैक़दे से रिहाई दे दे।

शराब के आगे दवा हलक से उतरती ही नहीं,
शराब में ही मिलाकर तू मुझे कुछ दवाई दे दे।

आँखों में नींद नहीं शब करवट में गुजरती है,
ऐसा कर बोतल में छिपाकर मुझे जम्हाई दे दे।

मेरे ज़माने के लोग मुझे बेबस बेक़स कहते हैं,
कहीं से कर के मुझे किराये की ही लुगाई दे दे।