भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"किसमें है आराम / जेम्स फ़ेंटन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=जेम्स फ़ेंटन |संग्रह=जेम्स फ़ेंटन चुनिंदा क...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
14:51, 21 सितम्बर 2008 के समय का अवतरण
|
कितना आरामदायक होता है
मिलना साल-दो साल में एक बार
लेडीज़ एंड जेंटेलमैन
जब उबलती हुई कमीज़ें
लहराती हैं क़ब्रिस्तानों में
जब एक बुरी नज़र से देखने वाला
पहुंच जाए मंच पर
यह उन उत्तरजीवियों के बीच की जंग के समान है
उसी तरह जैसे मेयर ने मोहरबंद कर दिया हो? सबको
बाक़ी कहने को बचा नहीं रहता
और यह एक मायने में अच्छा ही है।