भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सुनो दीपशालिनी / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (→इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|नाम=सुनो दीपशालिनी | |नाम=सुनो दीपशालिनी | ||
|रचनाकार=रवीन्द्रनाथ ठाकुर | |रचनाकार=रवीन्द्रनाथ ठाकुर | ||
− | |प्रकाशक= | + | |प्रकाशक=राजकमल प्रकाशन |
− | |वर्ष= | + | |वर्ष=2018 |
|भाषा= बांगला | |भाषा= बांगला | ||
|विषय=कविताएँ | |विषय=कविताएँ |
00:22, 8 मई 2022 का अवतरण
सुनो दीपशालिनी
रचनाकार | रवीन्द्रनाथ ठाकुर |
---|---|
प्रकाशक | राजकमल प्रकाशन |
वर्ष | 2018 |
भाषा | बांगला |
विषय | कविताएँ |
विधा | गीत |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- पहने हूँ हार विदा बेला का / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल
- द्वार उसके मैं आया / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल
- द्वार थपथपाया क्यों तुमने ओ मालिनी / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल
- चुप चुप रहना सखी, चुप चुप ही रहना / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल
- हे नवीना / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल
- किसका आघात हुआ फिर मेरे द्वार / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल
- फहरा दो पाल / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल