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"तुम न आए तो क्या सहर न हुई / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
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− | हाँ मगर चैन से बसर | + | हाँ मगर चैन से बसर न हुई |
− | मेरा नाला | + | मेरा नाला सुना ज़माने ने |
एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई | एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई | ||
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14:39, 22 जनवरी 2023 के समय का अवतरण
तुम न आए तो क्या सहर न हुई
हाँ मगर चैन से बसर न हुई
मेरा नाला सुना ज़माने ने
एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई