भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"घिस रहा है धान का कटोरा / लक्ष्मीकान्त मुकुल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKPustak |चित्र=Ghis-raha-hai-dhan-ka-katora-kaitakosh.jpg |नाम=घिस रहा है धान...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:15, 15 मार्च 2023 के समय का अवतरण
घिस रहा है धान का कटोरा
रचनाकार | लक्ष्मीकान्त मुकुल |
---|---|
प्रकाशक | सृजनलोक प्रकाशन, नई दिल्ली |
वर्ष | 2022 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | कविता |
पृष्ठ | 168 |
ISBN | 978-93-92703-11-9 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।