भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ऐसा करें कि आप हमें भूल जाइये / पुष्पराज यादव" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुष्पराज यादव |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
23:33, 30 मार्च 2025 के समय का अवतरण
ऐसा करें की आप हमें भूल जाइये
यूँ बोल-बोल कर न मेरा दिल दुखाइये
इस ना-मुराद शहर-ए-मुहब्बत को किसकी खैर
अब किससे रूठिये यहाँ किसको मनाइये
सखियो पिया मिलन की है ये पहली रैन सो
ढोलक बजाइये कि कोई गीत गाइये
ये नेल-पोलिशें ये लिपस्टिक ये बिंदियाँ
दीवाना मर ना जाये ज़रा कम लगाइये
कैसे तमाम उम्र जुदाई का दुख सहें
कैसे अंधेरी रात का बोझा उठाइये
ऐ पुष्पराज ज़िन्दगी जीना हुआ हराम
उठिये और अपनी मौत का हीला सुझाइये