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"हाल अच्छा बुरा सब भुला दीजिये / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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− | + | हाल अच्छा बुरा सब भुला दीजिये | |
− | + | दोस्त आये हैं बस मुस्करा दीजिये | |
− | + | दिल में क्या आपके देखता कौन है | |
− | + | अपनी नज़रों का जलवा दिखा दीजिये | |
− | + | दूसरा मेरे जैसा मिलेगा कहाँ | |
− | + | मुझको अपना बनाकर दगा दीजिये | |
− | + | तुम ही कहते हो मुझको कुछ आता नहीं | |
− | + | मुझको चालाकियाँ कुछ सिखा दीजिये | |
− | + | हर तरफ़ आपका राज क़ायम रहे | |
− | + | आह निकले कोई तो दबा दीजिये | |
− | + | रात आधी गयी, नींद आती नहीं | |
− | + | कोई मीठी सी लोरी सुना दीजिये | |
− | + | हो नवाज़िश करम शुक्रिया आपका | |
− | + | फ़लसफ़ा ज़िन्दगी का बता दीजिये | |
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18:20, 3 मई 2025 के समय का अवतरण
हाल अच्छा बुरा सब भुला दीजिये
दोस्त आये हैं बस मुस्करा दीजिये
दिल में क्या आपके देखता कौन है
अपनी नज़रों का जलवा दिखा दीजिये
दूसरा मेरे जैसा मिलेगा कहाँ
मुझको अपना बनाकर दगा दीजिये
तुम ही कहते हो मुझको कुछ आता नहीं
मुझको चालाकियाँ कुछ सिखा दीजिये
हर तरफ़ आपका राज क़ायम रहे
आह निकले कोई तो दबा दीजिये
रात आधी गयी, नींद आती नहीं
कोई मीठी सी लोरी सुना दीजिये
हो नवाज़िश करम शुक्रिया आपका
फ़लसफ़ा ज़िन्दगी का बता दीजिये