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"मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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हर एक सूरत भली लगती है कुछ दिन <br>
 
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लहू के शोबदाकारी से बचिये  
 
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शोबदा - हातचलाखी , धोखा
  
 
शराफ़त आदमियत दर्द-मन्दी <br>
 
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ज़रूरी क्या हर एक महफ़िल में आना<br>  
 
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रवादारी - उदारता, सह्र्दयता
  
 
बिना पैरों के सर चलते नहीं हैं <br>
 
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बुज़ुर्गों की समझदारी से बचिये
 
बुज़ुर्गों की समझदारी से बचिये

23:07, 16 दिसम्बर 2008 का अवतरण

शायर: निदा फ़ाज़ली

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मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये
जहाँ तक हो अदाकारी से बचिये

हर एक सूरत भली लगती है कुछ दिन
लहू के शोबदाकारी से बचिये

शोबदा - हातचलाखी , धोखा

शराफ़त आदमियत दर्द-मन्दी
बड़े शहरों में बीमारी से बचिये

ज़रूरी क्या हर एक महफ़िल में आना
तक़ल्लुफ़ की रवादारी से बचिये

रवादारी - उदारता, सह्र्दयता

बिना पैरों के सर चलते नहीं हैं
बुज़ुर्गों की समझदारी से बचिये