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"उसको घर लौट आना ही था / जहीर कुरैशी" के अवतरणों में अंतर

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उसको घर लौट आना ही था
 
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घौंसले में ठिकाना ही था
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रूप उसका खजाना ही था
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शत्रु पर वार करना भी था
 
शत्रु पर वार करना भी था
और खुद को बचाना ही था
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मुक्ति के पक्षधर के लिए
 
मुक्ति के पक्षधर के लिए
जिन्दगी कैदखाना ही था.
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ज़िन्दगी क़ैदख़ाना ही था.
 
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00:24, 18 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण

उसको घर लौट आना ही था
घोंसले में ठिकाना ही था

कैमरा ‘फ़ेस’ करते हुए
आदतन मुस्कुराना ही था

बूढ़े तोते पढ़ें न पढ़ें
शिक्षकों को पढ़ाना ही था

तन से व्यापार करती थी जो
रूप उसका खज़ाना ही था

शत्रु पर वार करना भी था
और ख़ुद को बचाना ही था

रोशनी घर में घुसते हुए
आँख को चौंधियाना ही था

मुक्ति के पक्षधर के लिए
ज़िन्दगी क़ैदख़ाना ही था.