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"तुम बिखर गए क्यों / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

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17:07, 23 जनवरी 2009 का अवतरण

अरे ओ !
महकती पत्तियों वाले

काले ग़ुलाब!
इतना तो बता दो
कि तनिक मुस्कराते ही
तुम
इस तरह
पत्ती-पत्ती

बिखर गये क्यों ?