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"भीगी हुई आँखों का ये मन्ज़र न मिलेगा / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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भीगी हुई आँखों का ये मंज़र न मिलेगा
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घर छोड़ के मत जाओ कहीं घर न मिलेगा
  
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फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम
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जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा
  
भीगी हुई आँखों का ये मंज़र मिलेगा <br>
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आँसू को कभी ओस का क़तरा समझना
घर छोड़ के मत जाओ कहीं घर न मिलेगा <br><br>
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ऐसा तुम्हें चाहत का समुंदर न मिलेगा
  
फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम <br>
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इस ख़्वाब के माहौल में बे-ख़्वाब हैं आँखें
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा <br><br>
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बाज़ार में ऐसा कोई ज़ेवर न मिलेगा
  
आँसू को कभी ओस का क़तरा न समझना <br>
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ये सोच लो अब आख़िरी साया है मुहब्बत
ऐसा तुम्हें चाहत का समुंदर न मिलेगा <br><br>
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इस दर से उठोगे तो कोई दर न मिलेगा
 
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बाज़ार में ऐसा कोई ज़ेवर न मिलेगा <br><br>
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ये सोच लो अब आख़िरी साया है मुहब्बत<br>
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इस दर से उठोगे तो कोई दर न मिलेगा <br><br>
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15:32, 14 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

भीगी हुई आँखों का ये मंज़र न मिलेगा
घर छोड़ के मत जाओ कहीं घर न मिलेगा

फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा

आँसू को कभी ओस का क़तरा न समझना
ऐसा तुम्हें चाहत का समुंदर न मिलेगा

इस ख़्वाब के माहौल में बे-ख़्वाब हैं आँखें
बाज़ार में ऐसा कोई ज़ेवर न मिलेगा

ये सोच लो अब आख़िरी साया है मुहब्बत
इस दर से उठोगे तो कोई दर न मिलेगा