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"मुसाफ़िर के रस्ते बदलते रहे / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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मुक़द्दर में चलना था चलते रहे <br><br>
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दिये उस की आँखों के जलते रहे
  
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वो क्या था जिसे हमने ठुकरा दिया
मेरे पाँव शोलों पे चलते रहे <br><br>
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मुहब्बत अदावत वफ़ा बेरुख़ी
दिये उस की आँखों के जलते रहे<br><br>
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वो क्या था जिसे हमने ठुकरा दिया <br>
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सुना है उन्हें भी हवा लग गई
मगर उम्र भर हाथ मलते रहे <br><br>
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हवाओं के जो रुख़ बदलते रहे
  
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किराये के घर थे बदलते रहे <br><br>
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लिपट के चराग़ों से वो सो गये <br>
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जो फूलों पे करवट बदलते रहे <br><br>
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15:37, 14 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

मुसाफ़िर के रस्ते बदलते रहे
मुक़द्दर में चलना था चलते रहे

कोई फूल सा हाथ काँधे पे था
मेरे पाँव शोलों पे चलते रहे

मेरे रास्ते में उजाला रहा
दिये उस की आँखों के जलते रहे

वो क्या था जिसे हमने ठुकरा दिया
मगर उम्र भर हाथ मलते रहे

मुहब्बत अदावत वफ़ा बेरुख़ी
किराये के घर थे बदलते रहे

सुना है उन्हें भी हवा लग गई
हवाओं के जो रुख़ बदलते रहे

लिपट के चराग़ों से वो सो गये
जो फूलों पे करवट बदलते रहे