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"मोम की ज़िन्दगी घुला करना / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर
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− | + | जब बहुत हँस चुको तो चेहरे को | |
− | + | आँसुओं से भी धो लिया करना | |
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15:52, 14 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
मोम की ज़िन्दगी घुला करना
कुछ किसी से न तज़करा करना
मेरा बचपन था आईने जैसा
हर खिलौने का मुँह तका करना
चेहरा चेहरा मेरी किताबें हैं
पढ़ने वालो मुझे पढ़ा करना
ये रिवायत बहुत पुरानी है
नींद में रेत पर चला करना
रास्ते में कई खंडहर होंगे
शह-सवारो वहाँ रुका करना
जब बहुत हँस चुको तो चेहरे को
आँसुओं से भी धो लिया करना
फूल शाख़ों के हों कि आँखों के
रास्ते रास्ते चुना करना