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"शबनम के आँसू फूल पर / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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अब इन दिनों मेरी ग़ज़ल ख़ुश्बू की इक तस्वीर है
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शबनम के आँसू फूल पर ये तो वही क़िस्सा हुआ <br>
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मंदिर गये मस्जिद गये पीरों फ़कीरों से मिले
आँखें मेरी भीगी हुईं चेहरा तेरा उतरा हुआ <br><br>
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शायद इसे भी ले गये अच्छे दिनों के क़ाफ़िले
हर लफ़्ज़ गुंचे की तरह खिल कर तेरा चेहरा हुआ <br><br>
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इस बाग़ में इक फूल था तेरी तरह हँसता हुआ
  
मंदिर गये मस्जिद गये पीरों फ़कीरों से मिले <br>
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अनमोल मोती प्यार के, दुनिया चुरा के ले गई
इक उस को पाने के लिये क्या क्या किया क्या क्या हुआ <br><br>
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शायद इसे भी ले गये अच्छे दिनों के क़ाफ़िले <br>
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इस बाग़ में इक फूल था तेरी तरह हँसता हुआ <br><br>
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अनमोल मोती प्यार के, दुनिया चुरा के ले गई <br>
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दिल की हवेली का कोई दरवाज़ा था टूटा हुआ <br><br>
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16:08, 14 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

शबनम के आँसू फूल पर ये तो वही क़िस्सा हुआ
आँखें मेरी भीगी हुईं चेहरा तेरा उतरा हुआ

अब इन दिनों मेरी ग़ज़ल ख़ुश्बू की इक तस्वीर है
हर लफ़्ज़ गुंचे की तरह खिल कर तेरा चेहरा हुआ

मंदिर गये मस्जिद गये पीरों फ़कीरों से मिले
इक उस को पाने के लिये क्या क्या किया क्या क्या हुआ

शायद इसे भी ले गये अच्छे दिनों के क़ाफ़िले
इस बाग़ में इक फूल था तेरी तरह हँसता हुआ

अनमोल मोती प्यार के, दुनिया चुरा के ले गई
दिल की हवेली का कोई दरवाज़ा था टूटा हुआ