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"सर पे साया सा दस्त-ए-दुआ याद है / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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तुम को स्कूल की वो दुआ याद है
  
सर पे साया सा दस्त-ए-दुआ याद है <br>
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ऐसा लगता है हर इम्तहाँ के लिये
अपने आँगन में इक पेड़ था याद है <br> <br>
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ज़िन्दगी को हमारा पता याद है
  
जिस में अपनी परिंदों से तश्बीह थी <br>
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मैकदे में अज़ाँ सुन के रोया बहुत
तुम को स्कूल की वो दुआ याद है <br> <br>
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इस शराबी को दिल से ख़ुदा याद है
  
ऐसा लगता है हर इम्तहाँ के लिये <br>
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मैं पुरानी हवेली का पर्दा मुझे
ज़िन्दगी को हमारा पता याद है  <br> <br>
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कुछ कहा याद है कुछ सुना याद है
 
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मैकदे में अज़ाँ सुन के रोया बहुत <br>
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इस शराबी को दिल से ख़ुदा याद है  <br> <br>
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मैं पुरानी हवेली का पर्दा मुझे <br>
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कुछ कहा याद है कुछ सुना याद है <br>
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16:09, 14 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

सर पे साया सा दस्त-ए-दुआ याद है
अपने आँगन में इक पेड़ था याद है

जिस में अपनी परिंदों से तश्बीह थी
तुम को स्कूल की वो दुआ याद है

ऐसा लगता है हर इम्तहाँ के लिये
ज़िन्दगी को हमारा पता याद है

मैकदे में अज़ाँ सुन के रोया बहुत
इस शराबी को दिल से ख़ुदा याद है

मैं पुरानी हवेली का पर्दा मुझे
कुछ कहा याद है कुछ सुना याद है