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धुंध है घर में उजाला लाइये
रोशनी का इक दुशाला लाइये
केचुओं की भीड़ आँगन में बढ़ी
आदमी अब रीढ़ वाला लाइये
जम गया है मॉम सारी देह में
गर्म फौलादी निवाला लाइये
जूझने का जुल्म से संकल्प दे
आज ऐसी पाठशाला लाइये