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"लोगों ने आग सही कितनी / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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लोगों ने आग सही कितनी
लोगों ने आग कही कितनी

सेंकी तो बहुत बुखारी ,पर
बच्चों ने आग गही कितनी

संसद में चिनगी भर पहुँची
सड़कों पर आग बही कितनी

आंखों में कडुआ धुआं-धुआं
प्राणों में आग रही कितनी

हिम नदी गलानी है, नापें
कविता ने आग दही निकली