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"अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है / अमीर मीनाई" के अवतरणों में अंतर
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आ गया उस का तसव्वुर तो पुकारा ये शौक़ | आ गया उस का तसव्वुर तो पुकारा ये शौक़ | ||
दिल में जम जाये इलाही ये ख़याल अच्छा है | दिल में जम जाये इलाही ये ख़याल अच्छा है | ||
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21:48, 1 मई 2009 का अवतरण
अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है
हम मरे जाते हैं तुम कहते हो हाल अच्छा है
तुझ से मांगूँ मैं तुझी को कि सब कुछ मिल जाये
सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है
देख ले बुलबुल-ओ-परवाना की बेताबी को
हिज्र अच्छा न हसीनों का विसाल अच्छा है
आ गया उस का तसव्वुर तो पुकारा ये शौक़
दिल में जम जाये इलाही ये ख़याल अच्छा है