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"मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला <br>
 
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अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला <br><br>
 
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14:57, 8 मई 2009 के समय का अवतरण

मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला

घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला

तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड़ आया था
फिर इसके बाद मुझे कोई अजनबी न मिला

बहुत अजीब है ये क़ुर्बतों की दूरी भी
वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी न मिला

ख़ुदा की इतनी बड़ी क़ायनात में मैंने
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वो ही न मिला