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"कटी ज़िन्दगी पर लगाना ना आया / तेजेन्द्र शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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गिरावट का देखा किए हम तमाशा
लगा ही लिया तो निभाना ना आया<br><br>
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गो गिरते हुओं को उठाना ना आया
  
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हसीं नक्श हर इक को मसला औ कुचला
कभी हस्ती अपनी मिटाना ना आया<br><br>
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अगर्चे कभी कुछ बनाना ना आया
  
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रहे जिन्दगी भर यूं ही बस भटकते
गो गिरते हुओं को उठाना ना आया<br><br>
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कभी रस्ते सीधे पे जाना ना आया
  
हसीं नक्श हर इक को मसला औ कुचला<br>
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गरज़ क़े लिए चाहे सब कुछ लुटा दें,
अगर्चे कभी कुछ बनाना ना आया<br><br>
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बिना गरज़ क़ुछ भी लुटाना ना आया
  
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समझ कोई ऐसा बहाना ना आया<br><br>
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21:53, 15 मई 2009 के समय का अवतरण

कटी ज़िन्दगी पर लगाना ना आया
लगा ही लिया तो निभाना ना आया

खुदी की बुलंदी रहे नापते हम
कभी हस्ती अपनी मिटाना ना आया

गिरावट का देखा किए हम तमाशा
गो गिरते हुओं को उठाना ना आया

हसीं नक्श हर इक को मसला औ कुचला
अगर्चे कभी कुछ बनाना ना आया

रहे जिन्दगी भर यूं ही बस भटकते
कभी रस्ते सीधे पे जाना ना आया

गरज़ क़े लिए चाहे सब कुछ लुटा दें,
बिना गरज़ क़ुछ भी लुटाना ना आया

सही मान लें जिसको यह दुनियां वाले
समझ कोई ऐसा बहाना ना आया