भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार जब से है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | रचनाकार | + | {{KKGlobal}} |
− | + | {{KKRachna | |
− | + | |रचनाकार=फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ | |
− | [[Category: | + | |संग्रह= |
− | + | }} | |
− | + | [[Category:ग़ज़ल]] | |
− | + | ||
तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार जब से है <br> | तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार जब से है <br> | ||
न शब को दिन से शिकायत न दिन को शब से है <br><br> | न शब को दिन से शिकायत न दिन को शब से है <br><br> |
15:57, 24 मई 2009 का अवतरण
तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार जब से है
न शब को दिन से शिकायत न दिन को शब से है
किसी का दर्द हो करते हैं तेरे नाम रक़म
गिला है जो भी किसी से तेरी सबब से है
हुआ है जब से दिल-ए-नासबूर बेक़ाबू
कलाम तुझसे नज़र को बड़ी अदब से है
अगर शरर है तो भड़के, जो फूल है तो खिले
तरह तरह की तलब तेरे रन्ग-ए-लब से है
कहाँ गये शब-ए-फ़ुरक़त के जागनेवाले
सितारा-ए-सहर हम-कलाम कब से है